Month: February 2009
भाषा पर इतिहास का बोझ ना डालें: अनीता नायर
अँग्रेज़ी में लिखने वाली बंगलौर निवासी लोकप्रिय भारतीय उपन्यासकार व लेखिका अनीता नायर से डॉ सुनील दीपक की बातचीत
आस्था की जैविकी
आध्यात्मिकता का आपकी सेहत पर असर, अजनबी के साथ भोजन की अजीब शर्त, इंटरनेट व अखबार युक्त आटो रिक्शा, और…भी बहुत कुछ। हुसैन की इतवारी कड़ियाँ बतायें इंटरनेट के हाल चाल।
सामयिकी का जनवरी 2009 का प्रिंट अंक उपलब्ध
सामयिकी का जनवरी 2009 का प्रिंट अंक पोथी कॉम पर उपलब्ध है। यदि आप इंटरनेट की बजाय अपनी सुविधानुसार प्रिंट पत्रिका पढ़ने अधिक सुविधाजनक पाते हैं तो यह पत्रिका आपके काम की होगी। प्रिंट आन डिमांड सेवा में कीमत फिलहाल…
प्रायोगिक भौतिकी के जनक: गैलीलियो
अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष 2009 पर सामयिकी की विशेष शृंखला के द्वितीय लेख में नेहरू तारामण्डल, मुंबई के निदेशक पीयूष पाण्डेय आधुनिक प्रायोगिक विज्ञान के जन्मदाता गैलीलियो गैलिली को याद कर रहे हैं।
क्यों स्लमडॉग मिलियनेयर मुझे प्रभावित न कर सकी?
गंदी बस्ती के एक लड़के की रंक से राजा बनने के कथा पर बनी डैनी बॉयल की फिल्म हिट बन चुकी है। सौतिक बिस्वास सवाल उठा रहे हैं कि क्या सचमुच ये फिल्म एक ”मास्टरपीस” है, जैसा कि इसे बताया जा रहा है।