Category: समाज

बोरीवली से दादर की एसी लोकल – भाग 2

मुंबई की लोकल ट्रेन को मुंबई की लाइफलाइन कहा जाता है। पर इस लाइफ लाइन को अब आधुनिकीकरण की सख्त ज़रूरत है।

बोरीवली से दादर की एसी लोकल – भाग 1

मैंने कई बार मुंबई लोकल में सफ़र तो किया है, लेकिन रश आवर की भीड़ से निपटने की ट्रेनिंग मुझे कभी नहीं मिली।

दो नाईजीरिया

ईमेल स्कैम द्वारा दुनिया भर को उल्लू बनाने वाले देश में संक्षिप्त प्रवास के बाद डॉ सुनील दीपक को वहाँ के लोग तो शालीन लगे, लेकिन जेहन में भ्रष्टाचार और तानाशाही झेलते देश की खराब तस्वीर और भी पुख्ता हो गयी।

ग्रामीण भारत की बदलती नारी

बीते 20 सालों में कुछ ग्रामीण औरतों ने घर के दायरे से बाहर निकल, पंचायती राजनीति में कदम रख ग्रामीण भारत को बदलने की कोशिश की है। उन्हीं की कथायें है “सरपंच साहिब” में। पढ़िये डॉ सुनील दीपक की समीक्षा।

गैस आंदोलन ने दी अपारंपरिक शिक्षा

भोपाल गैस त्रासदी के 25 वर्ष पर यूरिग सैनदरेट बता रहे हैं कि किस तरह से गरीब और निरीह जनता ने नित्य प्रति जीवन में दमन के प्रति पहले लचीलापन दिखाया और इसे प्रतिरोध तथा राजनैतिक प्रतिवाद में कैसे बदला।