Author: सामयिकी दल

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बातचीत

गुमनामी में बहुत खुश हूँ: फ़ेक आईपीएल प्लेयर

FIP वापस आ रहा है, पर क्या यह दोबारा इतिहास रचेगा या फिर बीसीसीआई या दूसरों के साथ कानूनी विवादों में गुम होकर रह जायेगा? पढ़िये ‘ग्रेट बाँग’ अर्नब रे द्वारा लिया साक्षात्कार।

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अंतर्जाल

रोजगार पोर्टल पहुंचे गाँव देहात

भले यह बात अकल्पनीय लगे पर खास ग्रामीण भारत के लिए रोजगार जुटाने वाले जॉब पोर्टल न केवल सफलतापूर्वक चल रहे हैं बल्कि मुनाफा भी कमा रहे हैं।

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सूचना

सामयिकी का जनवरी 2009 का प्रिंट अंक उपलब्ध

सामयिकी का जनवरी 2009 का प्रिंट अंक पोथी कॉम पर उपलब्ध है। यदि आप इंटरनेट की बजाय अपनी सुविधानुसार प्रिंट पत्रिका पढ़ने अधिक सुविधाजनक पाते हैं तो यह पत्रिका आपके काम की होगी। प्रिंट आन डिमांड सेवा में कीमत फिलहाल एक बड़ी बाधा बनी हुई है। हम इसे पाटने के मार्ग खोजने में प्रयासरत हैं।  […]

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राजनीति

और फिर, वे मुझे मारने आए

श्रीलंका जैसे संघर्षरत देश में सच बोलने के खतरे जानते हुये भी कुछ पत्रकार अन्तरात्मा की पुकार पर कलम थामे हुये हैं। प्रस्तुत लेख द संडे लीडर के दिवंगत संपादक का अंतिम संपादकीय है जिसे उन्होंने अपनी हत्या किये जाने पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।

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बातचीत

सब तक बात पहुंचाने का माध्यम है हिन्दी: हर्ष कुमार

भारतीय रेल में कार्यरत अधिकारी हर्ष कुमार द्वारा निर्मित निःशुल्क ट्रू टाईप फाँट शुषा खासा लोकप्रिय फाँट है जिसने भारतीय भाषाओं को इंटरनेट व डेस्कटॉप प्रकाशन तक पहुंचाने में योगदान दिया। हर्ष से सामयिकी की बातचीत।

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