डियो गेम! यह सुनकर आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? और जो भी आता हो, अपने हाथ में आपको कुछ न कुछ ज़रूर दिखता होगा। जैसे कि कोई मोबाइल गेमिंग यंत्र, या फिर तारों और बटनों वाला गेम नियंत्रक, या कम से कम एक वायरलेस रिमोट कण्ट्रोल।
बच्चों का खेल नहीं ये!
विडियो गेम कोई छोटा-मोटा बाज़ार नहीं है। टेलीग्राफ अखबार की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में पिछले साल लोगों ने फ़िल्मों से ज़्यादा पैसे विडियो गेमों पर खर्च किए। जाहिर है कि ये अब महज़ लड़कपन के खेल नहीं रहे बल्कि मनोरंजन के स्रोतों की मुख्याधारा का हिस्सा बन चुके हैं। इन गेमों के प्रति आम राय यह है कि ये हिंसा को बढ़ावा देते हैं, बेहद बिकने वाले “कॉल आफ ड्यूटी” जैसे गेमों की इस कारण काफी निंदा हुई है। जानकार मानते हैं कि निंतेंडो ने यह साबित कर दिखाया है कि छोटे बच्चे, औरतें और उम्रदराज़ भी इन गेमों का मज़ा उठा सकते हैं।
भले ही इंटरनेट-पीढ़ी के लिए, जो हाथ में माउस के साथ बड़ी हुई है, यह कोई अजीब या दुविधा वाली बात न हो पर दुनिया के ज्यादातर बाशिंदों के लिए खेल में हाथ का बँधा होना एक झंझट-सा ही है। कुछ सालों पहले निंतेंडो ने सेंसरयुक्त वीमोट (एक तरह का रिमोट नियंत्रक) के जरिए तारों के साथ-साथ बटनों से खिलाड़ियों को आज़ादी दी। निंतेंडो के इस गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म वी (Wii) ने क्रांतिकारी रूप से विडियो खेलों को आम ड्राइंग रूमों तक पहुँचा दिया। और खिलाड़ियों को सोफ़े-कुर्सी से उठाकर खड़ा कर दिया।
माइक्रोसॉफ़्ट के खेल वैज्ञानिक अब वहाँ से इसे आगे बढ़ाने की कोशिश में हैं, एक नये, लगभग चमत्कारी, आविष्कार प्रोजेक्ट नटाल के साथ।
प्रोजेक्ट नटाल कूटनाम है माइक्रोसॉफ़्ट के एक नये गेमिंग आविष्कार का। इस पर अभी काम चल रहा है। यह माइक्रोसॉफ़्ट के XBoX 360 प्लेटफ़ॉर्म के साथ काम करेगा। एक्सबॉक्स के इस एड-ऑन के जरिये खेलने वाले बिना किसी बाहरी नियंत्रक के खेल और मनोरंजन को नियंत्रित कर सकेंगे। कैसे? अपने शरीर की स्वाभाविक नियंत्रण प्रक्रिया से – यानी बोलकर या हाथ-पैर हिलाकर।
यह एड-ऑन दरअसल संवेदकों (Sensors) का एक समूह होगा। एक लगभग 9-इंच चौड़ी पट्टी, जिसे आपके टीवी या कम्प्यूटर स्क्रीन के ऊपर या नीचे रखा जा सकेगा, के भीतर एक कैमरा, एक गहराई-संवेदक, और बहु-व्यूही (Multiarray) माइक्रोफ़ोन होंगे। बाक़ी काम सॉफ़्टवेयर करेगा। इसके जरिये पूरे शरीर का त्रिआयामी चित्रण, चेहरे की पहचान, आवाज़ की पहचान आदि संभव होंगे।
चीज़ ऐसी है कि बिना देखे यकीन आना मुश्किल है। इसकी एक झलक नीचे दिये विडियो पर देखें।
तो खिलाड़ियो! माउस छोड़िये, उस रिमोट को उधर फेंकिये और अपने हाथ-पैर खोलने को तैयार हो जाइए। और ज़रा एक शाबासी माइक्रोसॉफ़्ट के लिए भी हो जाए (अब ऐसी भी क्या नाराज़गी)। विडियो गेमों की दुनिया में अगली क्रांति का सेहरा उन्हीं के माथे है।
अधिक जानकारी के लिये प्रोजेक्ट नटाल की वेबसाइट भी देखें।
धन्यवाद विस्तार से जानकारी देने का.