Author: डॉ सुनील दीपक

हिन्दी फ़िल्मों में बस पैसों के लिये काम किया

फ्लोरेंस के “रिवर टू रिवर फिल्म फेस्टिवल” में डॉ सुनील दीपक को लड़कपन से पसंद अभिनेत्री से रूबरू होने का मौका मिला

दो नाईजीरिया

ईमेल स्कैम द्वारा दुनिया भर को उल्लू बनाने वाले देश में संक्षिप्त प्रवास के बाद डॉ सुनील दीपक को वहाँ के लोग तो शालीन लगे, लेकिन जेहन में भ्रष्टाचार और तानाशाही झेलते देश की खराब तस्वीर और भी पुख्ता हो गयी।

ग्रामीण भारत की बदलती नारी

बीते 20 सालों में कुछ ग्रामीण औरतों ने घर के दायरे से बाहर निकल, पंचायती राजनीति में कदम रख ग्रामीण भारत को बदलने की कोशिश की है। उन्हीं की कथायें है “सरपंच साहिब” में। पढ़िये डॉ सुनील दीपक की समीक्षा।

सलमान के कारण मेरा नाम याद रखते हैं

कैलीफोर्निया निवासी बैंकर सलमान खान अपनी संस्था खान अकेडमी से इंटरनेट द्वारा मुफ्त शिक्षण उपलब्ध कराते हैं। सामयिकी के लिये डॉ सुनील दीपक ने उनसे बातचीत की।

भाषा पर इतिहास का बोझ ना डालें: अनीता नायर

अँग्रेज़ी में लिखने वाली बंगलौर निवासी लोकप्रिय भारतीय उपन्यासकार व लेखिका अनीता नायर से डॉ सुनील दीपक की बातचीत