रेडियो से पॉडकास्ट तक

बिजनेस इंसाइडर के एक लेख में करुणा शर्मा लिखती हैं कि भारत के रेडियो जॉकी आजकल पॉडकास्ट की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है कि एफएम रेडियो में विचार जाहिर करने पर जिस तरह की बंदिशें हैं वो पॉडकास्ट के मामले में खत्म हो जाती हैं जहाँ अपने मन की बात बिंदास कही जा सकती हैं। तिस पर जहाँ रेडियो तरंगों की पहुंच मुख्यतः स्थानीय होती है, वहीं पॉडकास्ट के द्वारा उनकी आवाज विश्व के कोने-कोने तक पहुंच सकती है।

चीन और अमेरिका के बाद, विश्व में पॉडकास्ट सुनने वाले बाजार में भारत का तीसरा मुकाम है, इसलिये भी लोगों का इस माध्यम की ओर झुकाव हो रहा हैं। कोविड-19 के बाद से ऑडियो प्लेटफॉर्म की बदौलत पॉडकास्ट बनाना भी काफी आसान भी हो गया है। भारत के जाने-माने रेडियो जॉकी जैसे मंत्रा, सलिल आचार्य, जैसे लोग अब पॉडकास्ट द्वारा अपनी पहचान बनाने में लगे हैं।

साउंड अप देगा महिलाओं को पॉडकास्टिंग में बढ़ावा

पिछले वर्ष की एक रिपोर्ट “द स्टेट ऑफ द पॉडकास्ट यूनिवर्स” में लिखा गया था कि भारत पॉडकास्ट सुनने वाले देशों में दूसरा सबसे तेज देश है। पर हम सभी जानते हैं कि यह तो शुरुआत मात्र है। बहुत सी कहानियां हैं जो अभी भी कहीं नहीं गई है। इसी उद्देश्य से स्पॉटिफाई ने साउंड अप नामक एक प्रोग्राम बनाया है जिसके तहत वे अपने पॉडकास्टिंग प्लेटफॉर्म एंकर पर खास तौर पर महिलाओं की नई आवाजों में कहानियों और विचारों को अपने मंच पर बढ़ावा देना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2019 में स्पॉटिफाई ने पॉडकास्टिंग नेटवर्क एंकर और गिम्लेट का 340 मिलियन डॉलर (यानि लगभग 2500 करोड़ रुपये) अदा कर अधिग्रहण किया था

2021 के कार्यक्रम के लिये हालांकि पंजीकरण अब बंद हो गये हैं पर 10 चयनित प्रतिभागियों को इस के तहत 4 हफ्तों के वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसमें कार्यशालाओं के माध्यम से पॉडकास्ट बनाने की कला का व्यापक परिचय दिया जायेगा। प्रतिभागी क्षेत्र के विशेषज्ञों से पॉडकास्ट निर्माण की कला के बारे में जानेंगे, प्रारंभिक विचार से लेकर कहानी बयां करने, साक्षात्कार, संपादन और प्रकाशन तक। आभासी कक्षाओं के पूरा होने के 8 सप्ताह बाद, प्रतिभागी 2022 में बाद के साउंड अप सत्रों में भाग लेने के लिए चुने जाने के अवसर के लिए एक अंतिम ट्रेलर और पिच प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। आभासी कार्यक्रम के लिए सभी उम्मीदवारों को एक रिकॉर्डर, कंप्यूटर, हेडफ़ोन प्रदान किया जाएगा। साउंड अप का दूसरा संस्करण 2022 में पुनः शुरू होगा।

माईक्रोकास्ट की नज़र है स्मार्ट स्पीकर्स पर

अगर आप माईक्रो ब्लॉगिंग जैसे कि ट्विटर, या टिकटॉक से परिचित हैं तो पॉडकास्ट की दुनिया में भी कुछ ऐसा ही नया शाहकार आने वाला है। यह है माईक्रोकास्ट, यानी के 7 से 10 मिनट लंबे पॉडकास्ट, हालांकि ये 2 से 3 मिनट लंबे भी हो सकते हैं। चूंकि लोगों में लंबे पॉडकास्ट सुनने का धैर्य क्रमशः खत्म होता जा रहा है, यह नया फॉर्मेट शायद काम कर जाये। यह बात भी है हाल ही में ट्विटर को अपने इंस्टाग्राम की स्टोरीज़ नुमा फ्लीट्स नामक फीचर को खत्म करना पड़ा क्योंकि लोग इसमें खास रुची नहीं दिखा रहे थे। कहा जा रहा है कि माईक्रोकास्ट का असली टार्गेट है अलेक्सा या गूगल असिस्टेंट नुमा स्मार्ट स्पीकर्स। देखना बाकी है कि इस नये रुझान का क्या हश्र होता है। आप भी नज़र बनाये रखिये।