हात्सूने मिकु: जापान की अनोखी रॉक स्टार

पू

त के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं। मोट्जार्ट ने 5 साल की उम्र में अपना पहला संगीत कार्यक्रम पेश किया था, माईकल जैक्सन भी लगभग इसी उम्र से मंच पर गाने लगे थे। Hatsune Mikuहोनहार बच्चों के लिये तो यह वाकई बच्चों का ही खेल होता है। दीगर बात है कि मशहूर बन कर ज़िदगी जीना शायद उतना आसान नहीं होता।

जापानी गायिका हात्सूने मिकु भी कमउम्र है। सिर्फ सोलह बरस की उम्र में ही वह जापान की सबसे मशहूर रॉक स्टार बन चुकी है। और अगर वो चाहे तो ताजिंगदी 16 बरस की बने रह रातों रात अर्जित अपनी लोकप्रियता को कायम भी रख सकती है। तिस पर लिंडसे लोहान जैसी लोकप्रिय सितारों की तरह उसके किसी ड्रग स्कैंडल नुमा पचड़ों में पड़ने की संभावनायें भी शून्य हैं। चौंकिये मत, यह संभव है। क्योंकि मिकु कोई जीती जागती लड़की नहीं वरन एक फंतासी किरदार है, परंतु उसकी न केवल आवाज जापानियों को लुभा रही है वरन् उसकी त्रिआयामी छवि यानि होलोग्राम लाइव कार्यक्रमों में शामिल हो लोगों की धड़कनें तेज करने में कामयाब हो चुकी है।

नीले बालों की चोटियाँ लगाये चटकीली व मासूम आँखें वाली गुड़िया जैसी यह लड़की जापानी आनिमे (Anime) के किसी चरित्र जैसी लगती है। मई 2010 में EXIT TUNES Presents Vocalogenesis नामक एक अल्बम, जिसमें उसके गाये गाने शुमार हैं, बिलबोर्ड पर अव्वल नंबर पाने वाला पहला वोकलायड अल्बम होने का गौरव प्राप्त कर चुका है। और अब तो उसके विश्व भर में जीवंत प्रदर्शन ओर अंग्रेजी गीत गाने की बातें भी चल रही हैं। मिकु का मूल जापानी नाम तीन शब्दों से बना है, “मिकु” माने भविष्य, “हात्सु” मतलब प्रथम और “ने” अर्थात आवाज़।

क्या होते हैं होलोग्राम?

दूर क्या जाना होलोग्राम तो आपके बटुये में ही हैं साहब। अपने क्रेडिट कार्ड या वोटर परिचय पत्र पर नज़र डालें। विभिन्न उत्पादों पर भी असली नकली का भेद बताने में ये हमारी मदद करते हैं। हालांकि इनको हिलाने डुलाने से आप अलग तरह की चमकदार तस्वीर देख पाते हैं पर से सिर्फ इन चित्रों की तरह इतने सरल नहीं होते। होलोग्राम को यदि वृहद स्तर पर लेज़र या अन्य प्रकाश स्रोतो के साथ प्रस्तुत किया जाय तो ये हमें चमत्कृत कर सकते हैं। अगर होलोग्राफिक तस्वीर के टुकड़े कर दिये जायें तो हर हिस्सा मूल चित्र का पूर्ण रूप दिखा सकता है। मिकु की तरह इनसे त्रिआयामी तस्वीर भी पेश की जा सकती है जिसे देखने के लिये किसी थ्रीडी चश्मे की भी ज़रूरत नहीं पड़ती। इस तकनीक को डायनमिक होलोग्राफी कहा जाता है। होलोग्राफी का आविष्कार 1947 में हंगरी कै डेनिस गेबर ने किया था। इसके लिये उन्हें 1971 में भौतिकी के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

मिकु मूलतः एक गा सकने वाला सिंदसाइज़र अनुप्रयोग है, इसके पीछे मोटरसाईकल व संगीत वाद्ययंत्र आदि बनाने वाली जापानी कंपनी यामाहा की वोकलायड तकनलाजी का हाथ है। मिकु के पात्र की रचना एक अन्य जापानी कंपनी क्रिप्टॉन फ्यूचर मिडिया ने 2007 में की, उसकी आवाज़ एक अभिनेत्री साकी फुजिता के वॉंयस सैंपल पर आधारित है इस तरह मिकु दरअसल एक सॉफ्टवेयर ही है जिसमें बोल ओर तर्ज़ भर देने पर गीत खुद ही तैयार हो जाता है। गीत सुनकर कहना मुश्किल हो जाता है कि यह वाकई किसी कलाकार ने रिकार्ड नहीं किया।

मिकु हत्सुने की हालिया लोकप्रियता का कारण इंटरनेट पर जारी उसके कुछ विडियो हैं (ऊपर देखें) जिनमें उसके एक त्रिआयामी होलोग्राम को हज़ारों दर्शकों के समक्ष मंच पर बाकायदा नाचते हुये संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत करते दिखाया गया है। लोग उसके नाच गाने पर यूं फिदा हो रहे हैं मानो वह कोई जीवंत पॉप स्टार हो। भले ही मिकु की आवाज़ उधार की हो और रूप रंग किसी कलाकार की कल्पना का नतीजा, उसका वर्चुअल किरदार का जादू लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है। लिहाज़ा उसका अपना फेसबुक पृष्ठ भी है और फैन साईट भी।

आभासी चरित्र की आभासी लोकप्रियता?

इंटरनेट के मौजूदा स्वरूप में जहाँ किसी चीज के वाइरल होने पर सोचना पड़ता है कि यह वाकई कोई हक़ीकी वस्तु है या विपणन का हथकंडा, वहाँ यह शक करना गैर वाजिब न होगा कि हात्सुने की कथित लोकप्रियता भी गप्प मात्र हो। क्या मिकु साधारण लोगों के बीच भी लोकप्रिय है? इस बात की पुष्टि के लिये हमने जापान निवासी हमारे नियमित पाठक और पुराने चिट्ठाकार मत्सु से संपर्क किया। मत्सु ने स्पष्ट किया कि मिकु की लोकप्रियता मूलतः इंटरनेट पर मंडराने वाले कंप्यूटर प्रोग्रामर, आनिमे कार्टून के प्रशंसक और युवा इंटरनेट प्रयोक्ताओं तक ही सीमित प्रतीत होती है। इक्का दुक्का आनलाइन अखबारों में ज़िक्र के अलावा स्थानीय मुख्यधारा के मीडिया में इसका खास उल्लेख नहीं है, मिकु कमोबेश इंटरनेटिय उप संस्कृति का ही हिस्सा है।

मत्सु के अनुसार आभासी चरित्रों से जापानियों का लगाव कोई नई बात नहीं है, फर्क सिर्फ इतना है कि मिकु के मामले में चरित्र, वोकलायड आवाज़ वगैरह का सृजन किसी आनिमे अथवा कार्टून परियोजना के लिये नहीं वरन एक खास साफ्टवेयर के लिये किया गया।

जैसा कि आपने पहले पढ़ा हात्सूने मिकु एक वोकलायड है, मशीन द्वारा बनाई आवाज़, हालांकि इसकी लोकप्रियता के पीछे अन्य लोगों के इस साफ्टवेयर पर आधारित गीत बनाने की वजह से भी है, जापानियों के तकनीक प्रेम के कारण भी और यूट्यूब जैसी जापानी साईट निको निको दोगा भी जिसने इन विडियो को विशाल श्रोतावर्ग तक पहुँचाया। फिर भी असली ओर नकली के फर्क का सवाल शुद्धतावादी तो उठायेंगे ही। जापान में ही अनेक नामचीन गायक गायिकाओं ने यामाहा को अपनी अवाज़ के सैंपल देने से इंकार कर दिया, आखिरकार खुद का क्लोन बनाकर अपनी आजीविका से कौन हाथ धोना चाहेगा।

इन बहसों के बीच मिकु और उस जैसी अन्य वोकलायड का संगीत अपना कमाल दिखाये जा रहा है। बहरहाल नकली आवाज़ों ओर व्यक्तित्वों से जापानियों का यह लगाव कब तक टिकता है ओर क्या नये आकार लेता है यह तो समय ही बतायेगा।

जानकारी विकीपीडिया व इंटरनेट से, मिकु का चित्र साभारः क्रिप्टॉन फ्यूचर मिडिया, अतिरिक्त जानकारी व लेख में संशोधन के सुझावों के लिये शुक्रिया मत्सु!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

प्रौद्योगिकी

नटाल: माइक्रोसॉफ़्ट का नया गेमिंग आविष्कार

अगर आपके विडियो गेम से गेम नियंत्रक या वायरलेस रिमोट कण्ट्रोल हटा दें या फिर ये गेम खेलना मैदान में खेलने जैसा ही बन जाये तो कैसा हो? पढ़ें विनय जैन का आलेख।

पूरा पढ़ें
प्रौद्योगिकी

ओपनऑफ़िस एनाफ्रेसियज़ से करें तेज़, उन्नत अनुवाद

रवि रतलामी बता रहे हैं अनुवाद कार्यों में अनुवादकों की सहायता करने वाले ओपनऑफ़िस.ऑर्ग ऑफ़िस सूट के इस उम्दा प्लगिन का उपयोग का सरल तरीका।

पूरा पढ़ें
प्रौद्योगिकी

हिन्दी TTS: दृष्टिबाधितों हेतु तकनीकी वरदान

टेक्सट-टू-स्पीच जैसी सहायक तकनालाजी दृष्टिबाधितों के लिये कम्प्यूटर व इंटरनेट का इस्तेमाल आसान बना रही है। रवि रतलामी बता रहे हैं कि इनमें काफी अनुप्रयोग हिन्दी में भी उपलब्ध हैं।

पूरा पढ़ें