Lasantha Wickramatunga

राजनीति

और फिर, वे मुझे मारने आए

श्रीलंका जैसे संघर्षरत देश में सच बोलने के खतरे जानते हुये भी कुछ पत्रकार अन्तरात्मा की पुकार पर कलम थामे हुये हैं। प्रस्तुत लेख द संडे लीडर के दिवंगत संपादक का अंतिम संपादकीय है जिसे उन्होंने अपनी हत्या किये जाने पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।

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